आते हैं ग़ैब से ये मज़ामीं ख़याल में April 4, 2018 by admin आते हैं ग़ैब से ये मज़ामीं ख़याल में ‘ग़ालिब’ सरीर-ए-ख़ामा नवा-ए-सरोश हैCopy Tweet Copied Successfully !